Thursday 18 June 2020

सुशांत सिंह राजपूत की दोस्त रोहिणी अय्यर का पोस्ट वायरल, लिखा

नई दिल्ली: सुशांत सिंह राजपूत के निधन पर उनके करीबी लोग सोशल मीडिया पर पोस्ट लिख कई खुलासे कर रहे हैं. अब उनकी क्लोज फ्रेंड रोहिणी अय्यर ने भी एक पोस्ट लिखा है, जो सोशल मीडिया पर खूब पढ़ा जा रहा है. उन्होंने अपने पोस्ट में ये बातें बताई हैं कि सुशांत सिंह राजपूत को किसी कैंप में रहना पसंद नहीं था. उसने उनकी पार्टियां और लॉबी को ठुकरा दिया. उसके पास अपना साम्राज्य था. उन्होंने अपनी पोस्ट में ये भी बताया कि सुशांत सिंह राजपूत 100 करोड़ के क्लब से कोई मतलब नहीं था. उसे अवॉर्ड्स में भी कोई दिलचस्पी नहीं थी. सुशांत सिंह राजपूत को लेकर उनकी दोस्त रोहिणी अय्यर ने अपने पोस्ट में लिखा: "ये अब कहना पड़ेगा कि मेरा बेस्टफ्रेंड अब नहीं है. इस बात को स्वीकार करना काफी मुश्किल है. सोशल मीडिया खोलने पर मुझे काल्पनिक कहानी बनाने वाले और बेचने वाले नजर आ रहे हैं. विक्रेता जो अपने काम को प्रमोट करने वाले एजेंडा पर नजर आ रहे हैं. सबसे पहले तो उसे फर्क नहीं पड़ता था फेम और आपके ओपिनियन से. उसे फर्क नहीं पड़ता था उन लोगों से जो उसके लिए पोस्ट कर रहे हैं कि तुम्हारे टच में होना चाहिए था. वो फेक दोस्तों, फोन कॉल्स और छोटी बातों से नफरत करता था."रोहिणी अय्यर ने आगे लिखा: "उसने तुम्हारी पार्टियों को नकारा था ना कि तुमने उसे अस्वीकार किया. उसने गुटबाजी से किनारा किया था. उसे किसी कैंप की जरूरत नहीं थी. उसके पास अपना साम्राज्य था. वो एक असली फाइटर था. उसने कड़ी मेहनत कर अपने लिए जगह बनाई थी. वो एक आउटसाइडर था और उसने एक इनसाइडर होने की कभी परवाह नहीं की थी. ऐसा इसलिए क्योंकि फिल्मों के बाहर उसकी दुनिया थी. फिल्म इंडस्ट्री उसकी जिंदगी का छोटा हिस्सा था. इसके बाहर उसकी कई दुनिया थी."उन्होंने लिखा: "उसने कामयाबी को हमेशा किनारे ही रखा. वो कभी असफल नहीं हुआ. उसके साथ काम कर रहे दूसरे कलाकारों की अपेक्षा उसने ज्यादा हिट दी थीं. उसने कभी 100 करोड़ क्लब की परवाह नहीं की. वो न तो किसी क्लब का हिस्सा बनना चाहता था और न इस रेस में दौड़ना चाहता था. उसे अवॉर्ड्स में कोई दिलचस्पी नहीं थी. एक बार एक अवॉर्ड फंक्शन से वो सिर्फ इसलिए बाहर चला आया था क्योंकि वो वहां बोर हो रहा था. वह भी उससे ठीक पहले जब उसके लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के अवॉर्ड की घोषणा की गई थी.उसकी कामयाबियों को गिनना मुश्किल है. वो तो बस अपने आप में एक क्वांटम फिजिक्स था. वह एक क्रेजी जीनियस था. वह कविता लिखता था, गिटार बजाता था. वह दोनों हाथों से लिखता था. अगर आप उसके बारे में बातें करना चाहते वो तो उनके जीवन को सेलिब्रेट करो."

अमेरिका के पूर्व NSA का सनसनीखेज दावा

वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक पूर्व सहयोगी की किताब से US में हड़कंप मचा हुआ है. किताब के हवाले से यह कहा गया है कि ट्रम्प ने चीन के नेता शी जिनपिंग से 2020 में फिर से चुनाव जीतने के लिए मदद की गुहार लगाई. अमेरिकी राष्ट्रपति के पूर्व सहयोगी जॉन बोल्टन ने अपनी किताब में यह चौंकाने वाला दावा किया है. बोल्टन अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके हैं. प्रकाशित किताब के अंशों के अनुसार, डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले जून में एक शिखर सम्मेलन में शी जिनपिंग के साथ मुलाकात की थी. इस दौरान ट्रम्प ने आश्चर्यजनक रूप से शी के सामने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बातचीत शुरू कर दी थी. वह कहने लगे कि किस तरह से चीन की आर्थिक क्षमता ऐसी है कि वह अमेरिका में जारी चुनावी प्रचार अभियान पर असर डाल सकती है. जॉन बोल्टन ने लिखा है कि इसी दौरान ट्रम्प ने शी जिनपिंग से उन्हें जिताने की अपील की. द वाशिंगटन पोस्ट, द न्यूयॉर्क टाइम्स और द वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा प्रकाशित अंशों में, बोल्टन लिखते हैं कि डोनाल्ड ट्रम्प ने बातचीत में अमेरिका के किसानों के महत्व पर जोर दिया और कैसे सोयाबीन और गेहूं की चीनी खरीद में वृद्धि, संयुक्त राज्य में चुनावी परिणाम को प्रभावित कर सकती है, पर चर्चा की.

पार्टी प्रवक्ता के पद से हटाए जाने के बाद संजय झा ने किया ट्वीट

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता संजय झा को पार्टी ने उनके पार्टी के प्रवक्ता के पद से हटा दिया था, उन्होंने एक लेख में पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद पार्टी की ओर से यह कदम उठाया गया था. पार्टी के इस कदम के बाद उन्होंने फिर अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी पर निशाना साधा है. गुरुवार को उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि कभी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने अपनी ही सरकार के खिलाफ आलोचना में एक गुमनाम लेख लिखा था. कांग्रेस में इस तरह का लोकतंत्र था, जो अब नहीं है. झा ने अपने ट्वीट में लिखा, 'एक बार पंडित नेहरु ने एक अखबार में अपने ही खिलाफ गुमनाम आलोचना लिखी थी और सरकार को तानाशाही की ओर बढ़ने से आगाह किया था. यही असली कांग्रेस है.लोकतांत्रिक, उदार, सहिष्णु, सबको साथ लेकर चलने वाली. हम इन मूल्यों को कहीं पीछे छोड़ चुके हैं. क्यों? मैं कांग्रेस का निर्भीक वैचारिका सिपाही बना हुआ हूं बता दें कि कांग्रेस ने हाल ही में पार्टी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करने वाले संजय झा को पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से हटा दिया है. पार्टी की ओर से जारी बयान के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने झा को तत्काल प्रभाव से हटाए जाने को मंजूरी दी. इसके साथ ही अभिषेक दत्त और साधना भारती को कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट नियुक्त किया गया है. दरअसल, झा ने पिछले दिनों एक लेख के माध्यम से पार्टी की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है. उधर, कांग्रेस ने कर्नाटक विधान परिषद चुनाव के लिए बीके हरि प्रसाद और नसीर अहमद को अपना उम्मीदवार बनाया है

Tuesday 16 June 2020

पीएम मोदी बोले- अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के संकेत दिखने लगे हैं

देश में बढ़े कोरोना संकट के बीच दो दिनों की केंद्र और राज्यों की अहम बैठक शुरू हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब,चंडीगढ़ समेत पहाड़ी और पूर्वोत्तर के राज्यों के साथ बैठक कर रहे हैं. मुख्यमंत्रियों से संवाद में पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस से हुई किसी की भी मौत असहज करने वाली है. पीएम मोदी ने कहा कि भविष्य में जब कभी भारत की कोरोना के खिलाफ लड़ाई का अध्ययन होगा, तो ये दौर इसलिए भी याद किया जाएगा कि कैसे इस दौरान हमने साथ मिलकर काम किया, Co-operative Federalism का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया.पीएम ने कहा कि दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स, हेल्थ के जानकार, लॉकडाउन और भारत के लोगों द्वारा दिखाए गए अनुशासन की आज चर्चा कर रहे हैं. भारत में रिकवरी रेट 50 प्रतिशत से ऊपर है. आज भारत दुनिया के उन देशों में अग्रणी है जहां कोरोना संक्रमित मरीजों का जीवन बच रहा है.पीएम मोदी ने कहा कि हमें इस बात का हमेशा ध्यान रखना है कि हम कोरोना को जितना रोक पाएंगे, उसका बढ़ना जितना रोक पाएंगे. उतना ही हमारी अर्थव्यवस्था खुलेगी, हमारे दफ्तर खुलेंगे, मार्केट खुलेंगे, ट्रांसपोर्ट के साधन खुलेंगे, और उतने ही रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे यहां जो छोटी फैक्ट्रियां हैं उन्हें गाइडेंस की, हैंड होल्डिंग की बड़ी जरूरत है. मुझे पता है आपके नेतृत्व में इस दिशा में काफी काम हो रहा है. पीएम ने कहा कि ट्रेड और इंडस्ट्री अपनी पुरानी रफ्तार पकड़ सकें, इसके लिए वैल्यू चैंस पर भी हमें मिलकर काम करना होगा / मुख्यमंत्रियों से बातचीत में पीएम ने कहा कि किसान के उत्पाद की मार्केटिंग के क्षेत्र में हाल में जो रिफॉर्म्स किए गए हैं, उससे भी किसानों को बहुत लाभ होगा. इससे किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए विकल्प उपलब्ध होंगे, उनकी आय बढ़ेगी और स्टोरेज के अभाव के कारण उनको जो नुकसान होता था, उसे भी हम कम कर पाएंगे. पीएम मोदी ने कहा कि लोकल प्रोडक्ट के लिए जिस क्लस्टर बेस्ड रणनीति की घोषणा की गई है, उसका भी लाभ हर राज्य को होगा. इसके लिए जरूरी है कि हम हर ब्लॉक, हर जिले में ऐसे प्रोडक्ट्स की पहचान करें, जिनकी प्रोसेसिंग और मार्केटिंग करके, एक बेहतर प्रोडक्ट हम देश और दुनिया के बाज़ार में उतार सकते हैं
1962 में भारत और चीन के बीच जंग का नतीजा भले ही चीन की तरफ रहा था, लेकिन इसके 5 साल बाद ही भारत ने चीन को सबक सिखा दिया। सिक्किम में सितंबर और अक्टूबर में भारत और चीन सेना के बीच दो झड़पें हुईं। भारत के मुताबिक, इसमें चीन के 340 सैनिक मारे गए और 450 घायल हुए। भारत के 88 जवान शहीद हुए।चीनी सैनिकों की तरफ से हमला होने के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की थी। 11-15 सितंबर 1967 को नाथू ला और अक्टूबर में चो ला में दोनों देशों के सैनिकों में टकराव हुआ था। चीनी रिपोर्ट के मुताबिक, 1967 में नाथू ला में झड़प के दौरान चीन के 32 और भारत के 65 सैनिक मारे गए थे। वहीं, चो ला झड़प में भारत के 36 सैनिक मारे गए। रिपोर्ट में चीनी सैनिकों की मौत की बात नहीं कही गई। चीन के सैनिकों ने 13 अगस्त 1967 को नाथू ला में भारतीय सीमा से सटे इलाकों में गड्ढा खोदना शुरू किया था। इस दौरान कुछ गड्ढे सिक्किम के अंदर खोदे जाते देख भारतीय जवानों ने चीनी कमांडर से अपने सैनिकों को पीछे हटने के लिए कहा। इसके बाद 1 अक्टूबर को नाथू ला से थोड़ी दूर चो ला में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई।1967 के भारत-चीन संघर्ष से जुड़ा एक दिलचस्प वाकया भी है। चीनी सैनिकों ने आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने उनकी कुछ भेड़ें जबर्दस्ती अपने कब्जे में ले लीं। इस आरोप के विरोध में अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के आगे भेड़ों का एक झुंड उतार दिया था। वाजपेयी तब 43 साल के थे और सांसद थे ।20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में असम राइफल की पैट्रोलिंग पार्टी पर एम्बुश लगाकर हमला किया था। इसमें भारत के 4 जवान शहीद हुए थे।


महाराष्ट्र सरकार में सबकुछ ठीक नहीं

शिवसेना ने मुखपत्र 'सामना' के जरिए से कांग्रेस पर हमला बोला है। पार्टी ने कांग्रेस की तुलना खटिया से की है और संपादकीय का शीर्षक दिया है 'खटिया क्यों चरमरा रही है।' ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या महाराष्ट्र सरकार में सभी दलों के बीच सबकुछ ठीक चल रहा है या नहीं। शिवसेना ने 'सामना' में महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक चव्हाण और बालासाहेब थोराट के बयानों का जिक्र किया है। लेख में लिखा है कि दोनों मंत्री मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात कहने वाले हैं। मुख्यमंत्री उनकी बात सुनेंगे और फैसला लेंगे। लेकिन कांग्रेस कहना क्या चाहती है? राजनीति की पुरानी खटिया कुरकुर की आवाज कर रही है? सामना के संपादकीय में कहा गया, 'राज्य के मामले में मुख्यमंत्री का फैसला ही आखिरी होता है, ऐसा तय होने के बाद कोई और सवाल नहीं रह जाता। शरद पवार ने खुद इसका पालन किया है। समय-समय पर मुख्यमंत्री से मिलते रहते हैं और सुझाव देते हैं। उनका अनुभव शानदार है।कांग्रेस के बारे में शिवसेना ने लिखा है कि कांग्रेस पार्टी भी अच्छा काम कर रही है, लेकिन समय-समय पर पुरानी खटिया रह-रहकर कुरकुर की आवाज करती है। खटिया पुरानी है लेकिन इसकी एक ऐतिहासिक विरासत है। मुख्यमंत्री ठाकरे को आघाड़ी सरकार में ऐसी कुरकुराहट को सहन करने की तैयारी रखनी चाहिए। लेख के आखिरी में कहा गया है कि उद्धव ठाकरे ऐसे नेता नहीं हैं, जो सत्ता के लिए कुछ भी करेंगे। हर किसी के गले में मंत्री पद का हार है। यह नहीं भुलाया जा सकता है कि इसमें शिवसेना का त्याग भी महत्वपूर्ण है।

Friday 12 June 2020

GST Council का बड़ा फैसला- NIL जीएसटी वाले कारोबारियों की लेट फीस माफ

नई दिल्ली. कोरोना संकट के बीच पहली बार हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक खत्म हो गई है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी लेट फीस से परेशान कारोबारियों को राहत मिली है. बैठक में छोटे टेक्सपेयर्स को राहत देने पर सहमति बन गई है. सालाना 5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को फरवरी से जून 2020 के बीच रिटर्न फाइल करने पर सिर्फ 9 फीसदी ब्याज चुकाना होगा.जीएसटी काउंसिल के फैसलों पर एक नज़र- जुलाई 2017 से जनवरी 2020 तक लेट फीस माफ हुई. Nil GST वाले कारोबारियों की लेट फीस माफ होगी. GTB 3B के लिए लेट फीस 500 रुपये/महीने देना होगा. GST 3B के लिए एक विंडो मुहैया कराई गई है. विंडो 1 जुलाई से 30 सितंबर तक खुली रहेगी. 5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर पर 18% की जगह 9% ब्याज लगेगा.वित्त मंत्री ने जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद कहा, जुलाई, 2017 से जनवरी, 2020 के दौरान मासिक जीएसटी बिक्री रिटर्न दाखिल नहीं करने पर अधिकतम लेट चार्ज 500 रुपये तय किया गया.यानी कोरोना वायरस शुरू होने से पहले जिन कारोबारियों पर टैक्स की देनदारी थी उनका लेट फीस कम कर दिया गया है. इसका फायदा 1 जुलाई 2020 से लेकर 30 सितंबर 2020 तक रिटर्न फाइल करने वालों को भी मिलेगा. जुलाई, 2017 से जनवरी, 2020 के दौरान शून्य जीसटी रिटर्न वाली पंजीकृत इकाइयों पर कोई लेट फीस नहीं लगेगा. वहीं 5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को फरवरी से जून 2020 के बीच रिटर्न फाइल करने पर सिर्फ 9 फीसदी ब्याज चुकाना होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जीएसटी काउंसिल ने फुटवियर, खाद और कपड़ा क्षेत्र में उलट शुल्क ढांचा सुधारने पर गौर कर रही है. पान मसाले पर टैक्स को लेकर संवाददाताओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि पान मसाले पर टैक्स लगाने को लेकर जीएसटी परिषद की अगली नियमित बैठक में विचार होगा.उन्होंने कहा कि राज्यों की मुआवजा की जरूरतों पर विचार के लिए एक विशेष बैठक जुलाई में होगी. उसका केवल यही एक एजेंडा होगा.मार्च में भी हुई थी बैठक-कोरोना संकट के में पहली जीएसटी काउंसिल की बैठक वीडियो कान्फ्रेंसिंग के ज़रिए हुई. इससे पहले मार्च में हुई जीएसटी काउंसिल की 39वीं बैठक में भी कोरोना वायरस को लेकर अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चर्चा हुई थी. उस दौरान भारत में कोरोना वायरस के मामले बेहद कम थे और लॉकडाउन का भी फैसला नहीं लिया गया था.

राहुल ने पूछा- कोरोना से जंग में क्यों साथ नहीं आए बड़े देश

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज एक बार फिर कोरोना वायरस संकट और उसके असर को लेकर एक्सपर्ट से बात की. इस बार राहुल गांधी ने पूर्व अमेरिकी राजनयिक निकोलस बर्न्स से बात की और भारत-अमेरिका के रिश्तों पर खुलकर चर्चा की. इस दौरान राहुल गांधी ने पूछा कि कोरोना वायरस की लड़ाई में ऐसा देखने को नहीं मिला है कि बड़े देश एक साथ आए हों और लड़ाई का बीड़ा उठाया हो. राहुल गांधी ने पूछा कि क्या अमेरिका और भारत या फिर अन्य बड़े देश कोरोना वायरस की लड़ाई में साथ नहीं दिखे. इसपर अमेरिकी एक्सपर्ट ने कहा कि ये संकट पूरी तरह से G20 देशों का था, हर किसी को इसपर एक रणनीति के साथ काम करना था. मुख्य तौर पर डोनाल्ड ट्रंप, नरेंद्र मोदी, शी जिनपिंग जैसे नेता एक साथ आ सकते थे.निकोलस बर्न्स बोले कि शायद इसकी वजह ये है कि डोनाल्ड ट्रंप दुनिया को साथ लेने में विश्वास नहीं करते हैं, वो सिर्फ अमेरिका को आगे रखना चाहते हैं. और शी जिनपिंग सिर्फ उनसे लड़ना चाहते हैं.बता दें कि दोनों लोगों ने इस दौरान ग्लोबल पॉलिटिक्स, कोरोना संकट के बाद के समय पर भी बात की. राहुल ने पूछा कि क्या शक्ति संतुलन बदलने वाला है? जवाब में निकोलस बर्न्स ने कहा कि कोरोना संकट में हर कोई कह रहा है चीन जीत रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है. चीन बढ़ोतरी कर रहा है, लेकिन वो अमेरिका के मुकाबले नहीं है. क्योंकि चीन का नेतृत्व भयभीत है, वहां पर लोकतंत्र नहीं है. हांगकांग में क्या हो रहा है, आज हर कोई देख रहा है. भारत और अमेरिका लोकतंत्र के चैंपियन है.आपको बता दें कि राहुल गांधी कोरोना संकट के काल में लगातार कई एक्सपर्ट्स से बात करते आए हैं और अर्थव्यवस्था से लेकर बीमारी को लेकर मंथन किया है.

Tuesday 9 June 2020

अमित शाह ने कहा- सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,

नई दिल्ली. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार के बाद अब पश्चिम बंगाल में चुनावी बिगुल फूंका. अमित शाह ने जन संवाद वर्चुअल रैली के जरिए पश्चिम बंगाल के कार्यकर्ताओं और लोगों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बंगाल की 18 सीटों को चुनाव के लिहाज से सबसे ज्यादा अहम बताया. अमित शाह ने ममता बनर्जी के लिए कहा, 'नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध आपको बहुत महंगा पड़ेगा, जब मतपेटी खुलेंगी तो जनता आपको राजनीतिक शरणार्थी बनाने वाली है.' अमित शाह ने आखिरी बार कोलकाता में 1 मार्च को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में शहीद मीनार मैदान में रैली की थी. अब करीब तीन महीने से ज्यादा वक्त गुज़रने के बाद वह एक बार फिर बंगाल की जनता से मुखातिब हुए/अमित शाह ने शायराना अंदाज में अपनी वर्चुअल रैली खत्म की. उन्होंने मशहूर कवि दुष्यंत कुमार की कविता पढ़कर बंगाल में परिवर्तन का आह्वान किया./ वर्चुअल रैली को लेकर अमित शाह ने कहा, 'ममता बनर्जी आप बंगाल की जनता से संवाद करने से रोक नहीं सकती हैं. आप रोड और रैली रोक सकती हैं, लेकिन परिवर्तन को नहीं रोक सकतीं.' शाह ने ममता बनर्जी से पूछा कि नामशूद्र और मतुआ समाज से आपको क्या दिक्कत है. सीएए का विरोध आपको बहुत महंगा पड़ेगा, जब मतपेटी खुलेंगी तो जनता आपको राजनीतिक शरणार्थी बनाने वाली है. / बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और मौजूदा गृहमंत्री शाह ने कहा, 'जब नागरिकता संशोधन कानून (CAA) आया तो ममता जी का चेहरा गुस्से से लाल हो गया था. मैंने इतना गुस्सा कभी किसी को नहीं देखा. ममता जी आप सीएए का विरोध कर रही हैं.'अमित शाह ने कहा, 'हम अपनी सरकार का हिसाब दे रहे हैं. ममता बनर्जी आप भी 10 साल का हिसाब बताइये, लेकिन बम धमाकों और बीजेपी कार्यकर्ताओं की मौत का आंकड़ा मत बताइयेगा.' अमित शाह ने ममता बनर्जी को चुनौती देते हुए कहा, 'ये राजनीति की चीज नहीं है, राजनीतिक के कई और मैदान हैं आप मैदान तय कर लो, दो-दो हाथ जाएं.' शाह ने कहा कि बंगाल में सत्ता बदलेगी और शपथ के एक मिनट के अंदर आयुष्मान भारत योजना बंगाल में लागू हो जाएगी.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा- दिल्ली में 31 जुलाई तक संक्रमण के साढ़े पांच लाख केस हो सकते हैं,

नई दिल्ली. देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2 लाख 67 हजार 238 हो गई है। यह आंकड़े के मुताबिक हैं। इस बीच, दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, एलजी अनिल बैजल और केंद्र सरकार के अफसरों के बीच दिल्ली में कोरोना के हालात को लेकर बैठक हुई। सिसोदिया ने बताया, 'दिल्ली में 31 जुलाई तक साढ़े पांच लाख केस हो सकते हैं। केंद्र सरकार मानती है कि फिलहाल दिल्ली में कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हो रहा है। जबकि दिल्ली सरकार को लगता है कि ऐसा शुरू हो चुका है। राजधानी को जुलाई के आखिर तक 80 हजार बेड की जरूरत होगी।' इससे पहले, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि राजधानी में कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है। आधे केस इसी तरह के सामने आए हैं। कम्युनिटी ट्रांसमिशन तब होता है जब संक्रमण के सोर्स का पता नहीं चले। हम यह तब कह सकते हैं, जब केंद्र इसका ऐलान करे। उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुबह अपने आंकड़े जारी किए। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 9987 मामले सामने आए और 331 मौतें हुईं। इसके साथ, देश में 2 लाख 66 हजार 598 केस हो गए हैं। इनमें 1 लाख 29 हजार 917 एक्टिव केस हैं और 1 लाख 29 हजार 215 लोगों की अस्तपाल से छुट्टी हो गई है। अब तक देश में 7466 मौतें हो चुकी हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी मां को हुआ कोरोना,

भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी मां की तबीयत खराब होने के बाद दोनों को दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सिंधिया और उनकी मां में कोविड 19 पॉजिटिव पाए गए हैं। फिलहाल दोनों लोगों की हालत सामान्य बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, ज्योतिरादित्य और उनकी मां माधवी राजे सिंधिया को गले में खराश और बुखार की शिकायत होने पर ही साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज दूसरे दिन उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। हालांकि, कल ही दोनों का कोरोना टेस्ट किया गया था,आई उनकी टेस्ट रिपोर्ट में दोनों के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। अभी तक उनके कोरोना संक्रमण की चपेट में आने का स्रोत पता नहीं चल सका है। दिल्ली में कोरोना वायरस के 1,007 नए मरीज सामने आए। इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमितों की संख्या करीब 30 हजार तक पहुंच गई, जबकि संक्रमण ने अब तक 874 लोगों की जान ले ली है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में 30 मई से छह जून के बीच 62 संक्रमितों की मौत हुई। इनमें से 27 की मौत पांच जून को हुई। इन मौतों की खबर सात जून को मिली। दिल्ली में कोविड-19 के सबसे ज्यादा 1513 मामले तीन जून को आए थे। स्वास्थ्य विभाग ने एक हेल्थ बुलेटिन में कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या 874 हो गई है और कोविड-19 के कुल मामले 29,943 हो गए हैं। इसमें कहा गया है कि विभिन्न अस्पतालों से मिली जानकारी के आधार पर, मृत्यु ऑडिट समिति के मुताबिक मृतकों की संख्या में उन मौतों को शामिल किया जाता है जिसमें मृत्यु का प्राथमिक कारण कोविड-19 मालूम पड़ता है।

Monday 8 June 2020

अरविंद केजरीवाल अस्वस्थ, खुद को क्‍वारंटाइन किया

दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हल्‍के बुखार के बाद और गले में खराश के बाद क्‍वारंटाइन होने का फैसला किया है. आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से यह जानकारी दी गई. केजरीवाल कोरोना टेस्‍ट कराएंगे. दिल्‍ली के सीएम ने अपनी सभी मीटिंग रद्द कर दी हैं. 51 वर्षीय केजरीवाल, दोपहर से अस्वस्थ हैं. इसके बाद से उन्‍होंने किसी से मुलाकात नहीं की है. उन्‍होंने दिल्ली स्थित अपने सरकारी आवास में खुद को 'आइसोलेट' कर लिया है, विधायक जरनैल सिंह ने ट्वीट किया, "हमारे प्रिय अरविंद केजरीवाल को कल से हल्का बुखार और गले में खराश है. डॉक्टरों की सलाह पर उन्‍हें क्‍वारंटाइन किया गया है. कल उनका कोविड-19 टेस्‍ट कराया जाएगा. हम सभी आपके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हैं." मुख्यमंत्री ने दोपहर में दिल्ली के निवासियों के लिए एक संक्षिप्त डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था. इस दौरान वे मॉस्‍क पहने हुए नजर आए थे और उन्‍होंने दिल्‍ली के निवासियों के लिए अस्‍पताल में बेड रिजर्व करने की नई नीति की घोषणा की थी. कोरोना वायरस रोगियों या संदिग्‍धों को अस्पताल के बेड उपलब्‍ध न हो पाने की शिकायतों के बीच केजरीवाल ने घोषणा की थी कि दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पताल और कुछ निजी अस्पताल केवल राजधानी के निवासियों के लिए आरक्षित होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली की सीमाओे को फिर से खोला जाएगा जिन्हें पहली बार यह सोचकर सील कर दिया गया था कि हमारे अस्पताल दूसरे राज्यों के लोगों से भर जाएंगे. गौरतलब है कि दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस के रोजाना एक हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं देश की राजधानी में कोरोना के केसों की संख्‍या 27 हजार से पार पहुंच चुकी है. 

इंदौर में 24 दिन बाद दी गई कोरोना से मरीज की मौत की जानकारी,

इंदौर: देश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में इस महामारी से मरीजों की मौत की आधिकारिक जानकारी देरी से साझा किये जाने का सिलसिला तमाम आलोचनाओं के बावजूद जारी है. स्वास्थ्य विभाग के रवैये पर सवाल उठाते हुए एक गैर सरकारी संगठन ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह स्वतंत्र समिति से इस विलम्ब की जांच कराते हुए जिले में इस महामारी से मरे लोगों की संख्या का खुलासा करे. ताजा मामले में कोविड-19 से एक मरीज की मौत की जानकारी 24 दिन की देरी से दी गयी है. स्वास्थ्य विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद 56 वर्षीय पुरुष को यहां एक निजी अस्पताल में 13 मई को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था. उसने इसके अगले ही दिन यानी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. हालांकि, इस मरीज की मौत की आधिकारिक जानकारी इसके 24 दिन बाद स्वास्थ्य विभाग ने रात जारी बुलेटिन के साथ दी गयी है. इसके साथ ही जिले में कोविड-19 की चपेट में आकर दम तोड़ने वाले मरीजों की तादाद 157 पर पहुंच गयी है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने कहा कि विभाग गुजरे दिनों में स्थानीय अस्पतालों में कोविड-19 से मरने वाले मरीजों के रिकॉर्ड की जांच कर रहा है और इस दौरान उसे 56 वर्षीय मरीज की मौत की जानकारी मिली है. उन्होंने कहा कि संबंधित अस्पताल द्वारा इस मौत की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को कथित तौर पर देरी से दिये जाने के मामले की पड़ताल की जा रही है. जिले में कोविड-19 से मरने वाले लोगों का आधिकारिक ब्योरा देरी से दिये जाने को लेकर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के साथ ही गैर सरकारी संगठन भी आरोप लगा रहे हैं कि स्वास्थ्य विभाग इन मौतों का खुलासा "अपनी सुविधानुसार" कर रहा है, जिससे महामारी के सरकारी आंकड़ों की विश्वसनीयता को लेकर संदेह पैदा होता है. गैर सरकारी संगठन "जन स्वास्थ्य अभियान मध्यप्रदेश" के सह-समन्वयक अमूल्य निधि ने कहा, "इंदौर में कोविड-19 से मरीजों की मौत की आधिकारिक जानकारी दिये जाने में लगातार देरी होना बेहद गंभीर मसला है, जो इस महामारी के प्रकोप के सरकारी आंकड़ों को लेकर स्वास्थ्य विभाग को संदेह के घेरे में खड़ा करता है." उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को एक स्वतन्त्र समिति गठित कर इस बात की जांच करानी चाहिये कि इंदौर में अब तक कोविड-19 से कुल कितने मरीजों की मौत हुई है. इस जांच के तहत मृत मरीजों के परिजनों के बयान भी लिये जाने चाहिये.

Saturday 6 June 2020

20 लाख करोड़ के पैकेज पर अखिलेश का केंद्र से सवाल, 'सरकार बता दे कि किसके लिए कितना है...'

कोरोनावायरस लॉकडाउन को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर लगातार हमलावर रुख अख्तियार करने वाले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र से आर्थिक पैकेज को लेकर सवाल पूछा है. सपा अध्यक्ष ने पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले के ऐलान किए जाने पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने आज को अपने ट्वीट में लिखा, 'सरकार बस इतना बता दे कि 20 लाख करोड़ के तथाकथित ‘महापैकेज' में कितना ग़रीब के लिए है कितना किसान, दिहाड़ी-प्रवासी मज़दूर, छोटे व्यापारी, खुदरा कारोबारी, रेड़ी-ठेले-पटरीवाले व अन्य मजबूरों के लिए है. समाज को बाँटने मे माहिर लोग कृपया करके इस आर्थिक बँटवारे का हिसाब भी दे दें. 'हुए प्रवासी मजदूरों की हालत, चीन और नेपाल के साथ चल रहे सीमा विवाद को लेकर भी लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रहे हैं. से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने कोरोना संकट का पहले ताली और थाली बजाकर फायदा उठाने की कोशिश की लेकिन बाद में इन्हें लॉकडाउन का सहारा लेना पड़ा. उन्होंने कहा कि BJP को गरीबों की संवेदना के बारे में समझना चाहिए. बिना किसी तैयारी की वजह से लॉकडाउन ने गरीबों का बहुत नुकसान किया है. उन्होंने कहा कि जिस तरीके की तस्वीरें हमने लॉकडाउन के दौरान देखी, ऐसा कभी नहीं देखा गया था. लोग पैदल, अपना सामान और परिवार लिए सैकड़ों मीलों का सफर तय कर रहे थे. कई गरीबों की रास्ते में ही मौत हो गई.

कोरोना मृतकों की बढ़ती संख्या के साथ दिल्ली के श्मशान घाटों की चुनौतियां भी बढ़ी

दिल्ली में कोराना से हो रही मौतों को देखते हुए चिताओं को जलाने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है ताकि इस बीमारी से मृत हो रहे लोगों का अंतिम संस्कार सही तरीके से हो सके.ऐसा इसलिए करना पड़ रहा है क्योंकि शहर में लगातार बढ़ रही मृतकों की संख्या की वजह से पहले से मौजूद व्यवस्था पूरी नहीं पड़ रही. दिल्ली के सबसे बड़े और सबसे पुराने श्मशान घाट निगमबोध में खुले में चिताएं जलाने से उससे उठने वाले धुएं के चलते वहां मौजूद अन्य लोगों और काम करने वालों को आंखों में जलन जैसी तकलीफें झेलनी पड़ रही हैं. जो समिति निगमबोध घाट का संचालन करती है उसका कहना है कि पिछले 2 महीनों में वह 500 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार करवा चुके हैं. उन्होंने बताया कि दिल्ली में तीन और श्मशान घाट और दो कब्रस्तिान हैं जहां अंतिम संस्कार किया जा रहा है. अधिकारियों ने संक्रमण से बचाव के लिए आधुनिक भट्टियों के इस्तेमाल का निर्देश दिया है, ताकि इस कोरोना के फैलने की चिंता न रहे. लेकिन निगम बोध घाट पर 6 में से सिर्फ तीन ही भट्टियां काम कर रही हैं. पिछले एक हफ्ते से लकड़ियों पर भी चिता दहन की जा रही हैं. श्मशान प्रबंधन समिति की सदस्य सुमन कुमार ने बताया कि अंतिम संस्कार के लिए आए परिजनों को सैनिटाइजेशन टनल से गुजरना पड़ता है और कई बार अपना नंबर आने के लिए घंटों तक इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ता जाता है. परिजन इस क्रिया को जल्दी करना चाहते हैं लेकिन सिर्फ तीन ही भट्टियां काम कर रही हैं. कई बार तो किसी किसी अस्पताल से एंबुलेंस के जरिए एक साथ चार से पांच शव आ जाते हैं. ऐसे में हर तरफ से दबाव महसूस किया जा रहा है. एक एंबुलेंस ड्राइवर से समाचार एजेंसी को बताया कि कई बार उसे निगमबोध घाट के पार्क में शवों के साथ रात भर एंबुलेंस छोड़ने के लिए भी कहा गया है. क्योंकि शवों के अंतिम संस्कार के बिना वाहन को अस्पताल भी नहीं ले जाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि एक शव के अंतिम संस्कार में दो घंटे से भी ज्यादा का वक्त लगता है. परिजनों के लिए भी इस घाट पर रहना आसान नहीं होता है. वह एक पारदर्शी कांच के हिस्से पर खड़े होकर अपने करीबी के शव की अंतिम क्रिया देख रहे होते हैं. वहीं दूसरी तरफ श्मशान में काम करने वाले लोगों को सुरक्षा के उपकरणों की चिंता परेशान कर रही है.

Friday 5 June 2020

8 जून से धार्मिक स्थल, रेस्तरां और मॉल खुलेंगे, जानिए क्या हैं नियम

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी कर कंटेनमेंट ज़ोन को छोड़कर बाक़ी जगहों के होटल, शॉपिंग मॉल, रेस्तरां और धार्मिक स्थलों को 8 जून से खोलने की अनुमति दे दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इन जगहों पर छह फीट की दूरी, चेहरे पर मास्क, सेनेटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिंग को अनिवार्य कर दिया गया है. होटल और रेस्तरां मालिकों को आगंतुकों की पूरी जानकारी रखनी होगी. मसलन पहचान पत्र, मोबाइल नंबर, विदेश यात्रा और बीमारी का ब्यौरा. इन जगहों पर सिर्फ़ बिना लक्षण वाले लोगों को ही आने की अनुमति होगी. होटल, रेस्तरां और शॉपिंग मॉल में 24 से 30 डिग्री तक ही एसी चलाने की अनुमति होगी. जितना संभव हो सके, हवा को ताजा रखना है. धार्मिक स्थलों और मॉल में 65 साल के ऊपर के लोगों, 10 साल से कम उम्र के बच्चों, गभर्वती महिलाएं और बीमार व्यक्तियों को नहीं जाने की सलाह दी गई है. यहां आने पर सबको सेनिटाइजर या साबुन से हाथ साफ़ करने होंगे. एक-दूसरे से छह फीट की दूरी रखनी होगी. सार्वजनिक स्थानों पर कोई थूक नहीं सकता है. धार्मिक स्थलों के प्रबंधन को प्रवेश द्वार नियमित अवधि पर सेनेटाइज करना होगा. यहां आने वालों को अपने जूते-चप्पल गाड़ी में ही छोड़ने होंगे. जिनके पास गाड़ी नहीं हैं, उन्हें रखने की ख़ुद ही व्यवस्था करनी होगी. मंदिरों में प्रसाद नहीं मिलेगा. धार्मिक स्थलों में प्रवेश और निकासी के लिए अलग से इंतज़ाम करने का भी सुझाव दिया गया है. मूर्तियों और पवित्र ग्रंथों को छूने की अनुमति नहीं होगी. इसके साथ ही सामूहिक अनुष्ठान पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा.

कैसे केरल में प्रेग्नेंट हथिनी की मौत

केरल के पलक्कड जिले की साइलेंट वैली फॉरेस्ट में एक प्रेग्नेंट हथिनी को पटाखे से भरा अनानास खिलाने की घटना पर केंद्र सरकार ने संज्ञान लिया है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने केरल सरकार से इस मामले में डिटेल रिपोर्ट मांगी है. वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हथिनी की मौत के मामले में जांच के आदेश दिए हैं. लेकिन इन सबके के बीच ये पूरा मामला सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग भी ले चुका है. मीडिया में खबरें भी कुछ ऐसी चलीं जिससे इस खबर को लेकर पूरी स्पष्टता लोगों के बीच नहीं आ पाई. मामला बढ़ने पर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने चेतावनी भी दी कि हथिनी की मौत पर राज्य की छवि के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए. उनका कहना था कि कोरोना वायरस पर नियंत्रण पाकर जो छवि हमने पाई है, हथिनी की खबर के जरिए उसे खराब करने की कोशिश की जा रही है. हालांकि केरल के मल्लपुरम जिले में किसानों द्वारा जानवरों को भगाने के लिए पटाखों का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि ये सरकारी तौर पर गैरकानूनी है लेकिन फिर भी किसान जंगली जानवरों से बचने के लिए ऐसा करते हैं. मल्लपुरम के एक स्थानीय किसान अफजल बाबू का कहना है कि जंगली जानवर हमारी फसलें तबाह कर देते हैं. इनमें हाथी भी शामिल होते हैं. इस वजह से कई किसान पटाखों का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन कभी इन्हें खिलाकर किसी जानवर को मारने की घटना सामने नहीं आई है. कई जगह पर जानवरों को भगाने के लिए ड्रम और नगाड़ों का भी इस्तेमाल किया है. तेज ध्वनि सुनकर जानवर भाग जाते हैं. जिस तरह की खबरें सोशल मीडिया पर चल रही हैं उनका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है केरल के वेटनरी डॉक्टर ईश्वरन का कहना है कि ऐसी घटना आज तक देखने में नहीं आई. प्रेग्नेंट हाथियों की मौत के बीते दो सालों में सिर्फ दो मामले सामने आए हैं लेकिन पटाखे खिलाकर जान से मारने जैसा कुछ भी नहीं था. हाल के मामले में घायल हथिनी नदी में इसलिए मिली क्योंकि घायल जानवर को पानी के पास राहत मिलती है. गर्भवती हथिनी की मौत के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. फॉरेस्ट विभाग ने इसकी जानकारी दी है. वन्यजीव संरक्षण अधिनियम से संबंधित धाराओं के तहत कई और लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है

Thursday 4 June 2020

झारखंड बोर्ड 8वीं के नतीजे घोषित हुए, यहां पाएं अपना रिजल्ट

झारखंड एकेडमिक काउंसिल रांची, जेएसी 8वीं कक्षा परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। छात्र अब अपने स्कूल या हेड मास्टर के जरिए अपना रिजल्ट देख सकते हैं। झारखंड एकेडमिक काउंसिल 8वीं के रिजल्ट में 19.62 फीसदी 100981 छात्रों को एक प्लस (A+) ग्रेड यानी 80 फीसदी से ज्यादा अंक हासिल हुए हैं। वहीं 199871 छात्रों को 60 से 80 फीसदी के बीच यानी ए ग्रेड मिला है। सबसे ज्यादा ए प्लस ग्रेड पाले वाले जिलों में रांची (7762), गिरडीह (8150) और धनबाद (7227) का नाम सबसे ऊपर है। वहीं रिजल्ट में सबसे फिसड्डी जिलों की बात करें तो धनबाद, गिरडी और पलामू जिलों में सबसे ज्यादा छात्र फैल हुए हैं। इन जिलों में 3-3 हजार से ज्यादा छात्र आठवीं में फेल हुए हैँ /जिलावार आंकड़ा देखा जाए, तो सिमडेगा के बच्चों ने 92.32 फीसदी सफलता के साथ बाजी मारी है। दूसरे नंबर पर 92.32 फीसदी के साथ पाकुड़ के बच्चे रहे, तीसरे पर 92.08 फीसदी के साथ सरायकेला खरसावां के बच्चे, चौथे पर 92.06 फीसदी के साथ गिरिडीह के बच्चे और पांचवें स्थान पर 92.04 फीसदी के साथ कोडरमा के बच्चे रहे। वहीं, राजधानी रांची के 91.44 फीसदी बच्चे इस बार उतीर्ण हुए। झारखंड 8वीं के रिजल्ट तय समय के अनुसार बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किए गए। झारखंड बोर्ड की 8वीं परीक्षा में भाग लेने वाले छात्रों का रिजल्ट उनके स्कूल के हेड मास्टर अपनी लॉगइन आईडी से देख सकते हैं। इससे पहले बोर्ड की ओर सूचना दी गई थी कि झारखंड बोर्ड 8वीं का रिजल आज (04 जून 2020) को दोपहर दो बजे जारी किए जाएंगे / लेकिन कुछ ही देर समय में बदलाव किया गया और जेएसी 8वीं का रिजल्ट 3PM पर जारी करने की बात कही गई है। झारखंड बोर्ड 8वीं के रिजल्ट बोर्ड की आधिकारिक पर चेक किए जा सकते हैं।

दिल्ली सीमा विवाद पर SC का फैसला, NCR के लिए कॉमन पास बनाएं तीनों राज्य

कोरोना संकट के कारण दिल्ली-एनसीआर की सीमाएं सील हैं और लोगों को आने-जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. लोगों की दिक्कत को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एनसीआर क्षेत्र के लिए कॉमन पास बनाने का निर्देश दिया है.एनसीआर के लोगों की समस्याओं को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनसीआर क्षेत्र में आवाजाही के लिए एक कॉमन पोर्टल बनाया जाए. इसके लिए सभी स्टेक होल्डर मीटिंग करें और एनसीआर क्षेत्र के लिए कॉमन पास जारी करें, जिससे एक ही पास से पूरे एनसीआर में आवाजाही हो सके.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के एनसीआर क्षेत्र में आवागमन के लिए एक सुसंगत नीति होनी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि सभी राज्य इसके लिए एक समान नीति तैयार करें. एक हफ्ते के भीतर ये एक नीति तैयार हो. इसके लिए तीनो राज्यों की बैठक कराई जाए.सुनवाई के दौरान हरियाणा ने कहा कि हमने सभी प्रतिबंध हटा दिए हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वर्तमान हालात में एक नीति, एक रास्ता और एक पोर्टल बनाया जाए. वहीं केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वो इसके लिए केंद्र सरकार से निर्देश लेंगे ताकि एक समान नीति हो और लोगों को परेशानी ना हो.

Tuesday 2 June 2020

विवादों के कारण TikTok का नुकसान, Google Play पर ऐप की रेटिंग 4.5 से हुई 2.0

COVID-19 महामारी के कारण भले ही भारत समेत ज्यादातर देशों में लॉकडाउन का माहौल है, हर कोई अपने-अपने घरों में बंद है। लेकिन इस लॉकडाउन के समय में भारत में एक ऐप है जिसका इस्तेमाल बड़े ही ज़ोरो पर किया जा रहा है, वो है TikTok। बड़े-बड़े सेलिब्रिटी जो पहले टीवी स्क्रीन व सिल्वर स्क्रीन पर आपका मनोरंजन करते थे, अब वह टिकटॉक ऐप की स्क्रीन पर नज़र आते हैं। लेकिन जितनी तेज़ी से ऐप का इस्तेमाल बढ़ा है उतनी ही तेज़ी से अब इस ऐप की रेटिंग गूगल प्ले स्टोर पर घट गई है। जी हां, अब तक गूगल प्ले स्टोर पर टिकटॉक की रेटिंग 4.0 थी, लेकिन अचानक इस ऐप की गूगल प्ले स्टोर रेटिंग 2.0 हो गई है। आखिर क्या वजह है जो भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रही ऐप की रेटिंग इस तरह अचानक से कम हो गई है। चलिए जानते हैं-सबसे लेटेस्ट वजह है, ट्विटर पर ट्रेंड होता #BanTikToklnlndia हैशटैग। दरअसल, यह ट्विटर ट्रेंड है। फैज़ल सिद्दिकी एक टिकटॉक स्टार है, जिन्हें लाखों यूज़र्स फॉलो करते हैं। अचानक उनका एक वीडियो ट्विटर पर वायरल हुआ, इस वीडियो के जरिए उन पर आरोप लगा है कि वह 'एसिड अटैक' को ग्लोरिफाई करते दिखे हैं। जैसे ही वीडियो ट्विटर पर ट्रेंड हुआ, राष्‍ट्रीय महिला आयोग ने इसके खिलाफ टिकटॉक इंडिया और महाराष्ट्र पुलिस को पत्र लिखकर तुरंत कार्रवाई की मांग कर डाली। इसके बाद टिकटॉक ऐप को बैन करने की मांग उठने लगी।हालांकि, इससे इत्तर एक और कारण है जिस वजह से टिक-टॉक पिछले कुछ समय से आलोचनाओं में घिरा हुआ था, वो है YOUTUBE VS TIK-TOK मुद्दा। दरअसल, आमिर सिद्दिकी ने एक टिकटॉक वीडियो में यह कहा था कि टिकटॉक का कॉन्टेंट यूट्यूब वीडियो से ज्यादा बेहतर और इंटरटेनिंग होता है। जिसके बाद से ही यूट्यूबर्स द्वारा उनकी हर तरफ से आलोचना होने लगी। लेकिन इस मुद्दे ने ज़ोर तब पकड़ा जब मशहूर यूट्यूबर कैरी मिनाटी ने अपने रोस्ट वीडियो में आमिर सिद्दिकी समेत सभी टिकटॉकर्स को आड़े हाथों लिया और उनको जमकर रोस्ट किया। तब से ही यूट्यूबर्स द्वारा टिकटॉकर्स को ट्रोल किया जा रहा है। हालांकि, अब यह वीडियो Youtube द्वारा हटा दिया गया है।इसी बीच फैज़ल सिद्दिकी की 'एसिड अटैक' वीडियो को वायरल किया गया और टिकटॉक को बैन करने की मांग की गई। इस सब पचड़े के बाद टिकटॉक ऐप बैन होगा या नहीं, यह तो दूर की बात है लेकिन इन सब के कारण से TikTok App की Google play रेटिंग पर जबरदस्त असर पड़ा है, जो कि 4.0 से घटकर अब 2.0 हो गई है।

गूगल ने पेश की सोशल डिस्टेंसिंग ऐप Sodar, स्मार्टफोन यूजर्स को मिलेगी दो मीटर की दूरी की जानकारी, कैमरे से बना दिया जाएगा 'वर्चुअल रिंग'

नई दिल्ली. दिग्गज टेक कंपनी गूगल ने कोरोनावायरस संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए शानदार 'सोशल डिस्टेंसिंग' ऐप को तैयार किया है। इसकी मदद से लोग आपस में दो मीटर की दूरी बनाए रख सकेंगे। गूगल के इस ऐप का नाम सोदर है। यह टूल यूजर्स के फोन के कैमरे में मिलेगा। सोदर फोन के कैमरे की मदद से यूजर के चारों ओर दो मीटर का एक वर्चुअल रिंग तैयार कर देता है। इसका अपडेट आने के बाद जैसे ही कोई यूजर कैमरा को ऑन करेगा तो उसे दो मीटर की एक सर्कल दिखाई देगा जिसका मतलब है कि आपको दो मीटर की दूरी बनाए रखनी है।गूगल का यह टूल अगले सप्ताह तक दुनियाभर के एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स के लिए जारी हो जाएगा। इस ऐप से नोटिफिकेशन के लिए आपको ब्लूटूथ ऑन रखना जरूरी है। बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचे रहने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दिया जा रहा है और लोगों को आपस में दूरी बनाए रखने की सलाह दी जा रही है।गूगल का यह ऐप ऑगमेंटेड रिएलिटी (AR) की मदद से आपके चारों ओर एक वर्चुअल रिंग तैयार कर देगा। इसके लिए ऐप स्मार्टफोन कैमरा की मदद लेगा। गूगल ने इस ऐप के बारे में बताते हुए कहा, 'Sodar ऐप WebXR का इस्तेमाल करता है और आपके आसपास विजुअल डिस्टेंसिंग गाइडलाइन्स दिखाता है।' गूगल ने कहा कि इस ऐप की मदद से यूजर्स अपने मोबाइल डिवाइस का इस्तेमाल करते हुए चारों ओर ऑगमेंटेड रिएलिटी वाला दो मीटर का रिंग बना सकते हैं। इससे एक जनरल आइडिया भी मिल जाता है कि कोई ज्यादा करीब ना आए। 

बिजनेसGold Price : जून महीने के पहले ही दिन सोना-चांदी की कीमतें हुई Unlock, जानिए आज का भाव



नई दिल्ली : देश खुलते ही  बुलियन मार्केट में सप्ताह और जून महीने के पहले ही दिन सोना की कीमतों ने तेजी दिखायी है. बाजार में सोना 114 रुपये की मजबूती के साथ यह 47,043 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. हालांकि, बीते हफ्ते को यह 46,929 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. के कारोबार में सोना 47,306 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर खुला था. वहीं,के कारोबार में चांदी के भाव में करीब 895 रुपये की बढ़त दर्ज की गयी है.इंडियन बुलियन एंड ज्वेलरी एसोसिएशन के अनुसार, जून महीने के पहले दिन चांदी 49,330 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गयी.को इसका भाव 48,435 रुपये प्रति किलो के स्तर पर बंद हुई थी. हालांकि, कारोबार में यह 50 हजार के स्तर को पार करके 50,010 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गयी थी, लेकिन को कारोबार बंद होते-होते यह 680 रुपये प्रति किलो टूट गयी. मजबूत हाजिर मांग के कारण सटोरियों ने ताजा सौदों की लिवाली की, जिससे वायदा बाजार में सोना 226 रुपये की तेजी के साथ 46,880 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में जून महीने में डिलीवरी वाले सोने की कीमत 226 रुपये या 0.48 फीसदी की तेजी के साथ 46,880 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी, जिसमें 789 लॉट के लिए कारोबार हुआ. सोने के अगस्त महीने में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 91 रुपये या 0.19 फीसदी की तेजी के साथ 47,195 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी, जिसमें 15,535 लॉट के लिए कारोबार हुआ. बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारियों की ताजा लिवाली से मुख्य रूप से सोना वायदा कीमतों में तेजी आयी. वैश्विक स्तर पर न्यू यॉर्क में सोने का भाव 0.08 फीसदी की तेजी के साथ 1,753.10 डॉलर प्रति औंस हो गया

भीम ऐप के डेटा में सेंधमारी, लाखों यूजर्स के रेकॉर्ड लीक

मोबाइल पेमेंट ऐप भीम के डेटा में सेंधमारी का मामला सामने आया है। इससे भारत में 70 लाख से ज्यादा यूजर्स के पर्सनल रेकॉर्ड लीक हुए हैं। यह बात इजरायली साइबर सिक्यॉरिटी वेबसाइट vpnMentor की एक रिपोर्ट में कही गई है। हालांकि, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने डेटा लीक के इस दावे को खारिज किया है। वहीं, इजरायल की साइबर सिक्यॉरिटी वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 409 गीगाबाइट डेटा लीक में आधार कार्ड डीटेल्स, कास्ट सर्टिफिकेट्स, रेजिडेंस प्रूफ, बैंक रेकॉर्ड्स और लोगों के कंप्लीट प्रोफाइल जैसी पर्सनल इंफॉर्मेशन शामिल हैं।vpnMentor की पड़ताल के मुताबिक, भीम वेबसाइट का इस्तेमाल एक कैंपेन में यूजर्स और बिजनेस मर्चेंट्स को ऐप में साइन-अप के लिए किया गया। इसके कुछ संबंधित डेटा को एक मिसकॉन्फिगर्ड ऐमजॉन वेब सर्विसेज S3 बकेट में रखा गया और यह बड़ी आसानी से सभी के लिए उपलब्ध था। रिपोर्ट के मुताबिक, S3 बकेट में फरवरी 2019 से रिकॉर्ड्स थे। S3 बकेट, क्लाउड स्टोरेज का एक रूप होता है, लेकिन डिवेलपर्स को अपने अकाउंट्स में सिक्यॉरिटी प्रोटोकॉल बनाने होते हैं। वेबसाइट को भारत सरकार की साझेदारी में CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज ने डिवेलप किया है। साइबर सिक्यॉरिटी फर्म ने एक बयान में कहा है, 'लीक हुए डेटा का स्तर काफी ज्यादा है, जो कि देश भर में लाखों लोगों पर असर डाल सकता है। इससे हैकर्स और साइबर क्रिमिनल्स, लोगों को धोखाधड़ी, चोरी और अटैक का शिकार बना सकते हैं।' vpnMentor के साइबर सिक्यॉरिटी रिसर्चर्स नोम रोटेम और रैन लोकर ने कहा है, 'UPI ID, डॉक्यूमेंट स्कैन समेत लीक हुए संवेदनशील और प्राइवेट डेटा का वॉल्यूम इस सेंधमारी को ज्यादा चिंताजनक बनाता है।' उन्होंने कहा है कि भीम यूजर डेटा का एक्सपोजर बिलकुल वैसा है, जैसे किसी हैकर को किसी बैंक के पूरे डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ उसके लाखों यूजर्स की अकाउंट इंफॉर्मेशन मिल गई हो। बग को अप्रैल में रिपोर्ट किया गया था, जिसे पिछले महीने के आखिर में फिक्स किया गया।नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने कहा है, 'हमें कुछ न्यूज रिपोर्ट्स की जानकारी मिली है, जिनमें भीम ऐप में डेटा सेंधमारी की बात कही गई है। हम यह बात स्पष्ट करना चाहते हैं कि भीम ऐप में किसी तरह की डेटा सेंधमारी नहीं हुई है और हर किसी से कहेंगे कि ऐसी अटकलों से बचें। NPCI अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रोटेक्ट करने के लिए आला दर्जे की सिक्यॉरिटी और इंटीग्रेटेड अप्रोच का इस्तेमाल करता है।' इस खबर को लेकर इकनॉमिक टाइम्स ने CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया को भी ई-मेल किया है, लेकिन अभी कोई जवाब नहीं मिल सका है।

Maruti Suzuki का मई महीने में भी बुरा हाल! 88% गिरी सेल्स, पिछले महीने नहीं बिकी थी एक भी कार


नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी की वजह से पूरे देश की अर्नेथव्यवस्था डगमगा गयी है. इसका सबसे बुरा प्रभाव ऑटो सेक्टर पर पड़ा है. गाड़ियों की बड़ी कंपनी मारुती 60 दिनों से ज्यादा से चले आ रहे लॉकडाउन के पहले महीने में मारुति सुजुकी एक भी कार नहीं बेच पाई थी. मई महीने में भी कंपनी का हाल बुरा ही रहा है, कंपनी को 86 प्रतिशत से ज्यादा का नुकसान हुआ है. देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (MSI) ने कहा कि मई महीने में उसकी बिक्री 86.23 प्रतिशत घटकर 18,539 इकाई रही. कंपनी ने पिछले साल इसी महीने में 1,34,641 वाहन बेचे थे. एमएसआई के अनुसार उसकी घरेलू बिक्री मई में 88.93 प्रतिशत घटकर 13,888 इकाई रही जो पिछले साल इसी महीने में 1,25,552 इकाई थी. कंपनी ने पिछले महीने में 4,651 वाहनों का निर्यात किया जो मई 2019 के 9,089 इकाइयों के मुकाबले 48.82 प्रतिशत कम है. वाहन कंपनी ने कहा कि उसने ‘लॉकडाउन’ के बाद सरकार के नियमों एवं दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए 12 मई से मानेसर कारखाने में और 18 मई से गुड़गांव संयंत्र में विनिर्माण कार्य शुरू कर दिया. बता दें कि देश की ज्यादातर बड़ी कंपनी अब ऑनलाइन कार सेल कर रही है. जो भी लोग मारुति सुजुकी की कार लेना चाहते है वो कंपनी के वेबसाइट से बुक कर सकते हैं. कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर ही कार की खरीदारी के जरूरी डॉक्यूमेंट भी जमा कर सकेंगे. इसके बाद आपके नजदीकी डीलरशिप से कार सीधे आपके घर पर डिलीवरी कर दी जाएगी. कंपनी के मुताबिक, कार की डिलीवरी के दौरान सैनेटाइजेशन का पूरा ख्याल रखा जाएगा.

Monday 1 June 2020

देश के इस बड़े बैंक ने घटाई अपनी ब्याज दरें, बहुत सस्ता हो गया है घर और गाड़ी खरीदना

नई दिल्ली: लॉकडाउन 5 शुरू होने के साथ ही कुछ अच्छी खबरें आपके लिए आने लगी हैं. हाल ही में दो बड़े सरकारी बैंकों द्वारा ब्याज दरों (Intrest Rate) में कटौती के बाद अब देश के दूसरे सबसे बड़े पंजाब नेशनल बैंक ने अपनी ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया है. पंजाब नेशनल बैंक ने ग्राहकों को बेहद कम ब्याज दरों में होम लोन और ऑटो लोन देगा. दूसरे बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक ने कर्ज पर रेपो दर से जुड़ा ब्याज 0.40 प्रतिशत सस्ता करने की सोमवार को घोषणा की. अब यह ब्याज दर 7.05 प्रतिशत से कम होकर 6.65 प्रतिशत हो जायेगी.जानकारों का कहना है कि घर या कार खरीदने का प्लान बना रहे लोगों के लिए ये दर काफी कम है. अब लोन पर कम ब्याज दर का सीधा फायदा ग्राहकों को मिलने वाला है. बैंक ने एक बयान में बताया कि इसके अलावा सभी परिपक्वता अवधि के कर्ज के लिये सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में 0.15 प्रतिशत कम की गयी है.बैंक ने बचत खातों पर ब्याज दर को भी 0.50 प्रतिशत घटाकर 3.25 प्रतिशत कर दिया है. बैंक ने कहा कि संशोधित दरें एक जुलाई से प्रभावी होगी. उल्लेखनीय है कि इससे पहले पिछले सप्ताह बैंक ऑफ बड़ौदा और यूको बैंक ने भी ब्याज दरों में कटौती की थी.

सुबह 146 अंक ऊपर खुला बीएसई, अब तक की ट्रेडिंग के दौरान 372 अंक तक ऊपर पहुंचा; निफ्टी में 109 पॉइंट की बढ़त



सप्ताह में कारोबार के दूसरे दिन बीएसई 146.67 अंक ऊपर और निफ्टी 54.7 पॉइंट की बढ़त के साथ खुला। अब तक की ट्रेडिंग के दौरान बीएसई 372.7 अंक तक और निफ्टी 109.4 पॉइंट तक ऊपर जाने में कामयाब रहा है।इससे पहले बीएसई 481.95 अंक ऊपर और निफ्टी 146.55 पॉइंट की बढ़त के साथ खुला था। दिनभर की ट्रेडिंग के दौरान बीएसई 1249.73 अंक तक और निफ्टी 351.30 पॉइंट तक ऊपर जाने में कामयाब रहा था। कारोबार के अंत में बीएसई 879.42 अंक ऊपर 33,303.52 पर और निफ्टी 245.85 पॉइंट ऊपर 9,826.15 पर बंद हुआ दुनियाभर के ज्यादातर बाजार बढ़त के साथ बंद हुए। अमेरिकी बाजार डाउ जोंस 0.36 फीसदी की बढ़त के साथ 91.91 अंक ऊपर 25,475.00 पर बंद हुआ था। वहीं, अमेरिका के दूसरे बाजार नैस्डैक 0.66 फीसदी बढ़त के साथ 62.18 अंक ऊपर 9,552.05 पर बंद हुआ था। दूसरी तरफ, एसएंडपी 0.38 फीसदी बढ़त के साथ 11.42 पॉइंट ऊपर 3,055.73 पर बंद हुआ था। हालांकि, चीन का शंघाई कम्पोसिट 0.07 फीसदी गिरावट के साथ 1.94 अंक नीचे 2,913.49 पर बंद हुआ था। इधर इटली, फ्रांस के बाजार में भी बढ़त रही/ देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1,98,370 हो गई है। इनमें 96,997 की रिपोर्ट पॉजीटिव है। वहीं 95,754 संक्रमित ठीक हो गए हैं। देश में अब तक कोरोना से मरने वालों की संख्या 5,608 हो चुकी है। ये आंकड़े covid19india.org के अनुसार हैं। दूसरी तरफ, दुनियाभर में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 6,366,197 हो चुकी है। इनमें 377,437 की मौत हो चुकी है। अमेरिका में कोरोना से मरने वालों की संख्या 106,925 हो चुकी है।

कैसे बना था 'हुड़ हुड़ दबंग' गाना, दादा जी की दबंगई से वाजिद को मिला आइड‍िया

बॉलीवुड के मशहूर सिंगर और कंपोजर वाजिद खान ने 43 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. उनके जाने से सफल म्यूजिक जोड़ी साजिद-वाजिद भी टूट गई. दोनों ने हिंदी सिनेमा को कई हिट गाने दिए हैं. लेकिन उनका सबसे पॉपुलर गाना रहा सलमान खान की फिल्म दबंग का टाइटल ट्रैक 'हुड़ हुड़ दबंग'. गाने के लिरिक्स एक तरफ और इसका म्यूजिक एक तरफ. दबंग का यह गाना देशभर में युवाओं के बीच काफी पॉपुलर रहा था और आज भी यह ऑल टाइम हिट में है. एक इंटरव्यू में साजिद और वाजिद ने इस गाने की मेकिंग पर बातचीत की थी. उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने इस गाने के धुन बुने थे.साजिद-वाजिद ने इंटरव्यू में बताया कि वे बचपन से ही दबंग शब्द सुनते आ रहे हैं. उनके पिता उस्ताद शराफत अली खां और दादा उस्ताद अब्दुल लतीफ शानदार सिंगर और तबला प्लेयर थे. किसी भी महफिल में उनका दबदबा रहता था. दरअसल, साजिद-वाजिद किराना घराना से ताल्लुक रखते हैं. तो हुआ यूं कि दबंग की स्क्र‍िप्ट सुनने के बाद वाजिद को अचानक अपने दादा के उस खास शब्द 'हुड़' का ख्याल आया. उनके दादा हमेशा इस शब्द को कहा करते थे. गाने में कैरेक्टर की मांग भी कुछ दबंगई किस्म की थी. फिर दादा के उस शब्द और चुलबुल पांडे के कैरेक्टर को दिमाग में रखते हुए उन्होंने गाने को लय दिया और बन गई हुड़ हुड़ दबंग. बता दें इस गाने के बोल जलीस शेरवानी ने दिए हैं.साल 2010 में रिलीज दबंग फिल्म में साजिद-वाजिद म्यूजिक डायरेक्टर्स थे. इस फिल्म में अपनी बेहतरीन म्यूजिक के लिए उन्हें कई अवॉर्ड्स भी मिल चुके हैं. 2010 में इसे एल्बम ऑफ द ईयर, तेरे मस्त मस्त दो नैन के लिए म्यूजिक कंपोजर ऑफ द ईयर, बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन का फिल्मफेयर अवॉर्ड, गिल्ड अवॉर्ड, स्टार स्क्रीन अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है. हालांकि इससे पहले भी साजिद-वाजिद ने कई हिट गाने दिए हैं लेकिन दबंग के टाइटल ट्रैक को जितनी पॉपुलैरिटी मिली वह उनके दूसरे गीतों के मुकाबले कहीं ज्यादा थी. इंटरव्यू में साजिद-वाजिद ने सलमान के साथ काम करने को लेकर भी चर्चा की थी. उन्होंने बताया कि सलमान अपने डिसिजन को लेकर बहुत क्लीयर रहते हैं. वे गाने सुनते हैं और सुनने के बाद फाइनल डिसिजन दे देते हैं. वे आइड‍ियाज भी सुझाते हैं. हीरोज फिल्म का गाना- 'मैं मंग्यासी मन्नाता वे मन्नाता' में एक लाइन है जहां संता-बंता चाहिए लिरिक्स आता है. यह सलमान का ही आइड‍िया था. उस वक्त क्रू को ये बेकार लगा लेकिन आगे चलकर यही लाइन सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुई थी.

भारत में कोरोना मरीजों की संख्या 1.90 लाख के पार, 93 हजार एक्टिव केस

देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और सोमवार को कुल आंकड़ा दो लाख के करीब पहुंच गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब कोरोना वायरस के कुल केस की संख्या 1 लाख 90 हजार से अधिक है. अबतक देश में इस महामारी की वजह से करीब 5400 लोगों की मौत हो गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 
• कुल मामले: 1,90,535
• एक्टिव केस: 93,322
• अबतक ठीक हुए: 91,818
• अबतक हुई मौतें: 5,394
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले चौबीस घंटे में देश में 8,392‬ कोरोना वायरस के केस आए हैं, जो अबतक का सबसे अधिक उछाल है. देश में चौबीस घंटे में कोरोना की वजह से करीब 230 लोगों की मौत रिपोर्ट की गई है. देश में सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में महाराष्ट्र सबसे ऊपर है, यहां अबतक कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 67 हजार के पार हो गई है. जबकि 36 हजार से अधिक एक्टिव केस हैं, राज्य में अबतक कोरोना वायरस की वजह से 2286 की मौत हो चुकी है. महाराष्ट्र के बाद तमिलनाडु में करीब 22 हजार केस, दिल्ली में 19 हजार केस, गुजरात में 16 हजार केस हैं. महाराष्ट्र के बाद गुजरात ऐसा राज्य है, जहां पर कोरोना वायरस के कारण एक हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है. देश में सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में महाराष्ट्र सबसे ऊपर है, यहां अबतक कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 67 हजार के पार हो गई है. जबकि 36 हजार से अधिक एक्टिव केस हैं, राज्य में अबतक कोरोना वायरस की वजह से 2286 की मौत हो चुकी है. महाराष्ट्र के बाद तमिलनाडु में करीब 22 हजार केस, दिल्ली में 19 हजार केस, गुजरात में 16 हजार केस हैं. महाराष्ट्र के बाद गुजरात ऐसा राज्य है, जहां पर कोरोना वायरस के कारण एक हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है.

लागू हुआ वन नेशन-वन राशन कार्ड, जानें कैसे मिलेगा फायदा-किन दस्तावेजों की जरूरत?

कोरोना संकट के बीच राहत पैकेज का ऐलान करते हुए हाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यह भी कहा था कि देशभर में वन नेशन -वन राशन कार्ड योजना को लागू किया जाएगा. यह योजना 1 जून से लागू हो गई है. आइए जानते हैं कि क्या है यह योजना और इसके लिए किन दस्तावेज की जरूरत पड़ती है? दरअसल, यह योजना मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) की तरह है. मोबाइल पोर्ट में आपका नंबर नहीं बदलता है और आप देशभर में एक ही नंबर से बात करते हैं. इसी तरह, राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी में आपका राशन कार्ड नहीं बदलेगा. अगर आसान भाषा में समझें तो एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर आप अपने राशन कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस कार्ड से दूसरे राज्य से भी सरकारी राशन खरीद सकते हैं.यह मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की तरह ही राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी वाली योजना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया ​था कि 23 राज्यों में मौजूद 67 करोड़ राशनकार्ड धारक (जो कुल PDS आबादी का 83 फीसदी है) अगस्त, 2020 तक नेशनल पोर्टेबिलिटी के तहत आ जाएंगे. हालांकि, मार्च 2021 से पहले 100 फीसदी नेशनल पोर्टेबिलिटी हासिल कर ली जाएगी. मान लीजिए कि मोहित कुमार यूपी का निवासी है और उसका राशन कार्ड भी यूपी का है. वह इस राशन कार्ड के जरिए दिल्ली या किसी और राज्य में भी उचित मूल्य पर सरकारी राशन खरीद सकेगा. सरकार का कहना है कि इससे भ्रष्‍टाचार और फर्जी राशन कार्ड में कमी आएगी. मतलब कि किसी भी तरह की सीमा या नियमों का बंधन नहीं होगा. वह देश के किसी भी राज्य में राशन खरीद सकता है. अहम बात ये है कि इसके लिए किसी नए राशन कार्ड की जरूरत नहीं होगी. मतलब ये कि आपके पुराने राशन कार्ड ही इसके लिए मान्य होंगे. केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि 'वन नेशन, वन राशन' कार्ड योजना लागू होने के बाद भी पुराना राशन कार्ड चलता रहेगा. उसी को केवल नये नियम के आधार पर अपडेट कर दिया जाएगा, जिससे वो पूरे देश में मान्य हो जाएगा. यानी आपको इसके लिए कोई नया राशन कार्ड बनवाने की जरूरत नहीं है. पहले से जिनके पास राशन कार्ड उन सबको उसी राशन कार्ड के आधार पर वन नेशन वन राशन कार्ड का फायदा मिलेगा.

भारत-चीन के बीच 26 दिन से तनाव जारी, कश्मीर से लद्दाख भेजे गए सेना और ITBP के जवान

भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर बीते 26 दिनों से तनाव जारी है. कई दौर की बातचीत के बाद भी चीन के रवैये में बदलाव नहीं आ रहा है. लिहाजा भारत ने मौजूदा हालात को देखते हुए कश्मीर से सेना और आईटीबीपी के जवानों को लद्दाख (LAC) के पास तैनात किया है. सूत्रों के अनुसार, चीन की सेना की बराबरी के लिए गलवान घाटी में भारतीय जवानों की संख्या बढ़ाई गई है./ सेना में एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'मौजूदा हालात के मद्देनजर LoC से LAC में जवानों की शिफ्टिंग हुई है. ये जरूरी भी था. कमांड और कॉर्पोरेशन लेवल पर कुछ फोर्स को रिजर्व भी रखा गया है. स्थिति को देखते हुए इन्हें तैनात किया जाएगा.' इन सैनिकों को सड़क और हवाई रास्ते से पीपुल्स लिबरेशंस आर्मी यानी चीनी सेना पर कुछ दबाव बनाने के लिए भेजा जा रहा है भारत और चीनी सीमा के नजदीक बसे गांव डर्बुक के लोगों का कहना है कि हर रात उनके इलाके से 80 से 90 ट्रक गुजरते हैं. ये काफिला सेना और सिविल वाहनों का होता है. इससे सेना को गोला-बारूद और रसद सप्लाई की जाती है. हालांकि, लेफ्टिनेंट जनरल एसएल नरसिम्हन बताते हैं, 'इस मूवमेंट में कुछ विटंर स्टॉकिंग्स भी हो सकती हैं. जब बर्फ पिघलती है और खुली बहती है, तो सेना अगली सर्दियों के लिए अपनी पोस्ट बदलती है. आमतौर पर इन महीनों में ही ऐसा होता है.' इस बीच चीन ने अपने इलाके में सैन्य तैयारियां तेज कर दी हैं. न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, चीनी सेना भारी वाहनों से तोप और दूसरे हथियार जमा कर रही है. जहां से इन्हें कुछ ही घंटे में भारतीय सीमा पर लाया जा सकता है. चीनी सरकारी मीडिया 'ग्लोबल टाइम्स' में छपे एक लेख के मुताबिक, चीन ने कहा कि कुछ ऐसी शक्तियां हैं जो भारत सरकार को इस 'कोल्ड वार' में एक पक्ष के समर्थन में खड़ा होने के लिए कह रही हैं, जिससे इस स्थिति का वे लोग भी फायदा उठा सकें. ऐसी शक्तियां भारतीय सरकार के आधिकारिक स्टैंड से संबंध नहीं रखती हैं और चीन के बारे में गलत सूचनाएं और अफवाह फैला रही हैं. अगर स्पष्ट कहा जाए तो चीन-अमेरिका विवाद में भारत का फायदा बेहद कम, लेकिन नुकसान काफी बड़ा हो सकता है. इसी के चलते मोदी सरकार इस कठिन परिस्थिति के साथ काफी समझदारी के साथ निपट रही है.

बीजेपी नेता रवि तिवारी ने सनातन धर्म और वैदिक शिक्षा का महत्व समझाया

 बीजेपी के युवा एवं उभरते हुए नेता रवि तिवारी  ने आज सनातन धर्म की पृष्ठभूमि पर आधारिक वैदिक शिक्षानीति को पुनः लागू करने की सम्भावनाओ एवं आ...