Tuesday 16 June 2020

महाराष्ट्र सरकार में सबकुछ ठीक नहीं

शिवसेना ने मुखपत्र 'सामना' के जरिए से कांग्रेस पर हमला बोला है। पार्टी ने कांग्रेस की तुलना खटिया से की है और संपादकीय का शीर्षक दिया है 'खटिया क्यों चरमरा रही है।' ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या महाराष्ट्र सरकार में सभी दलों के बीच सबकुछ ठीक चल रहा है या नहीं। शिवसेना ने 'सामना' में महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक चव्हाण और बालासाहेब थोराट के बयानों का जिक्र किया है। लेख में लिखा है कि दोनों मंत्री मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात कहने वाले हैं। मुख्यमंत्री उनकी बात सुनेंगे और फैसला लेंगे। लेकिन कांग्रेस कहना क्या चाहती है? राजनीति की पुरानी खटिया कुरकुर की आवाज कर रही है? सामना के संपादकीय में कहा गया, 'राज्य के मामले में मुख्यमंत्री का फैसला ही आखिरी होता है, ऐसा तय होने के बाद कोई और सवाल नहीं रह जाता। शरद पवार ने खुद इसका पालन किया है। समय-समय पर मुख्यमंत्री से मिलते रहते हैं और सुझाव देते हैं। उनका अनुभव शानदार है।कांग्रेस के बारे में शिवसेना ने लिखा है कि कांग्रेस पार्टी भी अच्छा काम कर रही है, लेकिन समय-समय पर पुरानी खटिया रह-रहकर कुरकुर की आवाज करती है। खटिया पुरानी है लेकिन इसकी एक ऐतिहासिक विरासत है। मुख्यमंत्री ठाकरे को आघाड़ी सरकार में ऐसी कुरकुराहट को सहन करने की तैयारी रखनी चाहिए। लेख के आखिरी में कहा गया है कि उद्धव ठाकरे ऐसे नेता नहीं हैं, जो सत्ता के लिए कुछ भी करेंगे। हर किसी के गले में मंत्री पद का हार है। यह नहीं भुलाया जा सकता है कि इसमें शिवसेना का त्याग भी महत्वपूर्ण है।

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