: बीएसपी सुप्रीमो मायावती खुद को पीएम पद का उम्मीदवार मानती हैं. उनका
कहना है कि अगर केंद्र में सरकार चलाने का मौका मिला तो वह उत्तर प्रदेश की तर्ज
पर देश का विकास करेंगी. यह बात उन्होंने विशाखापत्तनम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के
दौरान कही है. लेकिन इन सब के बीच एक बात जानकर हैरानी होगी की अब पहले चरण का
मतदान होने में सिर्फ 5 ही दिन बचे हैं और उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री
रहीं मायावती की एक भी रैली राज्य में नहीं हुई हैं. माना जाता है कि उत्तर प्रदेश
के ही रास्ते से प्रधानमंत्री की कुर्सी तक का सफर पूरा होता है. उन्होंने अब तक
चार रैलियों को संबोधित किया है जिनमें ओडिशा, आंध्र प्रदेश,
महाराष्ट्र
और तेलंगाना हैं. वहीं आगे जो उनकी रैलियों का कार्यक्रम है उनमें उत्तराखंड,
छत्तीसगढ़,
कर्नाटक
केरल और तमिलनाडु शामिल हैं. बीएसपी से
जुड़े सूत्रों का कहना है कि मायावती चुनाव के बाद खुद को बड़ी भूमिका में देख रही
हैं और खुद को पीएम पद की सबसे प्रबल दावेदारा मानती हैं. विशाखापत्तनम में जब
उनसे पीएम पद को लेकर सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि यह उनके लिए कोई नहीं बात
नहीं है. उन्होंने कहा, 'मैं चार बार मुख्यमंत्री रही हूं. मेरे
पास बहुमत है. जब चुनाव के नतीजे आएंगे तो देखा जाएगा'. एक तरह देखा जाए
तो यह पहला मौका है जब मायावती जब उन्होंने प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए खुद की
इच्छा जारी की है या फिर यह कह लें कि उत्तर प्रदेश से बाहर वह सीटों के लिए लड़
रही हैं. यह भी ध्यान देने वाली बात है कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी ने
503 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे और उत्तर प्रदेश तक में वह एक भी सीट नहीं जीत
पाई थी.
पिछले लोकसभा चुनाव में बीएसपी का वोट शेयर
4.19 प्रतिशत था वहीं साल 2009 के लोकसभा चुनाव में 6.17 प्रतिशत था. इस चुनाव में
बीएसपी ने 500 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 21 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जिसमें 20
उत्तर प्रदेश थीं जबकि एक सीट मध्य प्रदेश से थी. इससे पहले सिर्फ 1996 के लोकसभा
चुनाव में ही बीएसपी को उत्तर प्रदेश से बाहर सीटें मिली थी
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