Friday 29 May 2020

साल 1993 के बाद टिड्डी का सबसे बड़ा हमला, सरकार ने बनाया इन्हें खत्म करने का पूरा प्लान


नई दिल्ली. टिड्डी दल (Locust Attack) ) छोटे-छोटे कीड़ों का झुंड होता है. इस झुंड में लाखों कीड़े शामिल होते हैं. कीड़ों का ये झुंड उत्तर पूर्वी अफ्रीका में तैयार होता है. ये ग्रासहॉपर समुदाय का एक सदस्य होता है. ये टिड्डे अपना झुंड बनाकर एक इलाके से दूसरे इलाके जाते हैं. आमतौर पर ये कीड़े अगर कम संख्या में हों तो खेती को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते. लेकिन जब ये लाखों की तादाद में झुंड में होते हैं तो तबाही मचा देते हैं. टिड्डी हमले (locust attack) को रोकने के लिए हर साल भारत-पाकिस्तानके अधिकारियों के बीच 6 बैठकें होती हैं. ताकि टिड्डी की स्थिति से संबंधित सूचना का आदान-प्रदान करके इसे रोका जा सके. लेकिन इस छोटे लेकिन घातक दुश्मन को खत्म करने में पाकिस्तान दिलचस्पी नहीं दिखाता. भारत पर जब भी टिड्डी दल का हमला होता है वह पाकिस्तान की तरफ से होता है. पाकिस्तान की ओर से होने वाले खेती के दुश्मन टिड्डियों का हमला इस बार राजस्थान से होते हुए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके तक पहुंच गया है. सरकार की योजना-इन्हें मारने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय में लगातार बैठकें चल रही हैं, फैसले लिए जा रहे हैं लेकिन जमीनी हालात ये है कि टिड्डियां सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद भारत में डेरा डाले हुए हैं. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का कहना है कि टिड्डियों के नियंत्रण के लिए पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल होगा. इसके लिए डीजीसीए (Directorate General of Civil Aviation) ने अनुमति दे दी है/ टिड्डी चेतावनी संगठन (Locust Warning Organization) के जाइंट डायरेक्टर डॉ. जेपी सिंह का कहना है कि सरकार इसके नियंत्रण के लिए प्रयासरत है. लेकिन पाकिस्तान ने इसे रोकने का प्रयास नहीं किया. ये वहीं से आते हैं. यह इस बार थोड़ा जल्दी आ गया है. उधर फसलें नहीं हैं इसलिए यह तेजी से भारत की ओर बढ़ रहा है

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