हालिया रिलीज ‘ब्लैकबोर्ड बनाम व्हाइटबोर्ड’ एक ऐसी फिल्म है, जो दिखाती है कि आज शिक्षा को व्यवसाय का एक स्रोत माना जाता है। न केवल शहरों, बल्कि छोटे शहरों और गांवों में भी यह व्यावसायिक बुराई खूब देखी जा रही है। हालांकि, इसके बावजूद कुछ आदर्शवादी शिक्षक भी हैं जो शिक्षा के मूल धर्म को अक्षुण्ण रखते हुए एवं आलोचना झेलने के बावजूद विपरीत स्थितियों में भी बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, फिल्म का उद्देश्य यह दिखाना है कि आज किस तरह शिक्षा प्रणाली का व्यवसायीकरण किया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद कुछ ऐसे शिक्षक भी हैं जो अभी भी यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि प्रत्येक बच्चे को वह शिक्षा मिले, जिसके वे हकदार हैं।
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