Thursday 18 April 2019

इतनी खतरनाक थी बॉलीवुड की ये सास,

बॉलीवुड के क्लासिक एक्ट्रर्स की लिस्ट में जब भी फीमेल विलेंस का नाम लिया जाता है ललिता पवार का नाम सबसे ऊपर ही रहेगा. आज भी उनकी फिल्में देखकर कई लोग उनसे ही नफरत करने लग जाते हैं कि वो कितनी बुरी सास हैं. एक रिश्ते को बड़े पर्दे पर दिखाना वो बुरी नेगेटिव अंदाज में ये कर पाना हर किसी के बस की बात नहीं लेकिन ललिता पवार को उनकी पहचान ही एक क्रूर सास के रूप में मिली. विलेन के रोल निभाने के पीछे भी एक बड़ी दर्दनाक कहानी है. 18 अप्रैल 1916 को जन्मीं ललिता पवार एक आंख के जाने के बाद ही वैम्प के रोल में आई थीं. इससे पहले वह बॉलीवुड में हीरोइन बनना चाहती थीं. बात 1942 की है जब फिल्म 'जंग-ए-आजादी' के सेट पर एक सीन की शूटिंग के दौरान हादसे में ललिता पावर की आंख में चोट लगी और उनका हीरोइन बनने का सपना हमेशा के लिए टूट गया. अस्सी के दशक के प्रसिद्ध अभिनेता भगवान दादा और ललिता पावर इस फिल्म के लिए शूटिंग कर रहे थे. इस सीन में भगवान दादा को ललिता पवार को एक थप्पड़ मारना था. उनका थप्पड़ इतनी जोर से लगा कि ललिता पवार वहीं गिर पड़ीं और उनके कान से खून बहने लगा. फौरन सेट पर ही इलाज शुरू हो गया. इसी इलाज के दौरान डाक्टर द्वारा दी गई किसी गलत दवा के नतीजे में ललिता पवार के शरीर के दाहिने भाग को लकवा मार गया. लकवे की वजह से उनकी दाहिनी आंख पूरी तरह सिकुड़ गई.

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