Tuesday, 2 April 2019

कांग्रेस का घोषणा पत्र: रोजगार, किसान से खेल तक, पार्टी ने किए ये 52 वादे


जहां एक तरफ बेरोजगारी देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती है, वहीं दूसरी तरफ रोजगार सृजन अर्थव्यवस्था की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पिछले 5 वर्षो में बेरोजगारी दर में बेतहाशा वृद्धि हुई है, सरकार के खुद के आंकड़ों के अनुसार यह 45 साल के उच्चतम स्तर 6.1 प्रतिशत तक पहुंच गई है। जबकि सेन्टर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के अनुसार बेरोजगारी की दर 7.2 प्रतिशत है। फरवरी के अन्त तक, लगभग 3.1 करोड़ लोग नौकरी की तलाश में थे, आकं डे बता रहें कि कुल रोजगार में कमी आई है, श्रम भागीदारी दर में कमी आई है और बड़े पैमाने पर वर्तमान नौकरियां खत्म हो रही हैं। बढ़ती बेरोजगारी और मौजूदा नौकरियों के खत्म होने से, सभी वर्ग महिला, युवा, छोटेव्यापारी, व्यवसायी, किसान, दिहाड़ी मजदूर और खेतिहर मजदूर बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।
कांग्रेस ने 1991 में नयी औद्योगिक नीति के साथ उदारीकरण की शुरुआत की थी। आज वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए, कांग्रेस एक दूरदर्शी प्रगतिशील औद्योगिक नीति बनायेगी। भाजपा सरकार ने सिर्फ खोखले नारेलगाये हैं, औद्योगिक क्षेत्र में सकल पूंजी निर्माण दर या उद्योग क्षेत्र के विकास के आंकडे़ निराशाजनक सच्चाई को बयान कर रह हैं। कांग्रेस उद्योग जगत के इन निराशाजनक आंकड़ों को बदलने का वायदा करती है
भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी समस्या कमजोर बुनियादी ढ़ांचा है। दोषपूर्णडिजाइन, ठीक से न बनाया, अपर्याप्त क्षमता तथा बुनियादी ढांचे के रखरखाव का निम्नतर स्तर ने, भारत की विकासदर को कम कर दिया है। कांग्रेस उचित नियोजन, प्रोद्योगिकी, गुणवत्ता के साथ-साथ जवाबदेही तय करते हुए, इन कमियों को दूर करगी। बुनियादी ढ़ांचे को मजबूत करने के लिए सभी उपलब्ध मॉडल - सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के संयुक्त भागीदारी का इस्तेमाल किया जायेगा। सड़क, रेलवे मार्ग और विद्युत अति आवश्यक बुनियादी सुविधा क्षेत्र होने के साथ-साथ आम जनता के हित के लिए आवश्यक है।

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