फ्रांस के महान शासक नेपोलियन बोनापार्ट (लव लेटर) की ताजपोशी और उनके विवाह हित कई युद्धों एवं क्रांतियों का गवाह बने नोट्रे-डेम गिरजाघर न केवल कला की सर्वश्रेष्ठ कलाकृति का नमूना माना जाता है. बल्कि पाश्चात्य जगत की वास्तुकला के सर्वश्रेष्ठ रत्न के रूप में इसकी पहचान संसार भर में बनी हुई है.इस गिरजाघर की भित्तियां बोनापार्ट की 1804 में यहां हुई ताजपोशी और फिर 1810 में उनकी शादी का भव्य समारोह की गाथाएं सुनातीं हैं. इतिहास के चंद लम्हों को खुद में समेटने वाली यह भव्य इमारत महज यहीं तक सीमित नहीं है बल्कि युगों की प्रतिध्वनि इसमें देखीसुनी जा सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह कई सदियों की कला संगम है.मध्ययुगीन कला की मर्मज्ञ एवं ‘मेट क्लोइस्टर्स' में शिक्षक नैन्सी वू ने कहा, ‘‘इसके निर्माण में विभिन्न युगों का सौंदर्य आपस में घुला हुआ है. इनका मिश्रण बहुत ही अधिक माधुर्य से परिपूरित है.''इस अनूठे गिरजाघर में भयावह अग्निकांड से इस इमारत को नुकसान पहुंचा है. इससे कला के जानकारों और इतिहासकारों को गहरा सदमा पहुंचा है.
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